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आज की रात होली दहन हुई इस दिन से संबंधित कई परंपराएं प्रचलित हैं। होलिका के पास दीपक जलाने और परिक्रमा करने की परंपरा का पालन अधिकतर लोग करते हैं। जौरा के ज्योतिषाचार्य पं. छोटे लाल के अनुसार होलिका दहन से पहले होली में अनाज डाला जाता है। होली के समय खेतों में नया अनाज पक जाता है। पुराने समय में फसल पकने की खुशी में ही होली की रात आग जलाकर उत्सव मनाया जाता है।
पं. छोटे लाल के अनुसार होली की रात होलिका के पास और किसी मंदिर में दीपक जलाएं। होली दहन के समय परिवार के सभी सदस्यों को होलिका की तीन या सात परिक्रमा करनी चाहिए। परिक्रमा करते समय होलिका में चना, मटर, गेहूं, अलसी डालना चाहिए।
होलिका में कर्पूर भी डालना चाहिए। इससे होली जलते समय कर्पूर का धुआं वातावरण की पवित्रता बढ़ता है।
सोमवार को सुबह जल्दी उठना चाहिए और स्नान के बाद किसी शिव मंदिर जाएं और भगवान के सामने दीपक जलाएं। इसके बाद ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें। अपने हाथों से गोबर के कंडे बनाएं और इन कंडों को होली में डालना चाहिए।